गंज बासौदा से मुकेश चतुर्वेदी
गंज बासौदा नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती शशि अनिल यादव ने ज्ञापन सौंपने के बाद पत्रकारों को बताया कि भारत देश आज सामाजिक आर्थिक क्षेत्रों की अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है तब विषयांतर्गत विषय को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सनी एवं निर्मित करने की कोई गंभीर समस्या नहीं है देश के नागरिकों की बुनियादी समस्याओं जैसे गरीबी उन्मूलन निशुल्क शिक्षा का क्रियान्वयन प्रदूषण मुक्त वातावरण का अधिकार जनसंख्या नियंत्रण की समस्या देश की पूरी आबादी को प्रभावित कर रही है मुक्त गंभीर समस्याओं के संबंध में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ना तो कोई तत्परता दिखाई गई है और ना ही कोई न्याय सक्रियता दिखाई गई है।
भारत विभिन्न धर्मों जातियों उप जातियों का देश है जिसमें शताब्दियों से केवल जैविक पुरुष जैविक महिला के माध्य विवाह को मान्यता दी है विवाह की संस्था ना केवल दो विषम लिंग को का विलन है बल्कि मानव जाति की उन्नति भी है विवाह को नियमों अधिनियम और लेखों एवं लिपियों में परिभाषित किया गया है। सभी धर्मों में केवल विपरीत लिंग के दो व्यक्ति के विवाह का उल्लेख है विवाह को दो अलग लहंगे को के पवित्र मिलन के रूप में मान्यता देते हुए भारत का समाज विकसित हुआ है।
विवाह जैसी मालवीय संबंधों की मान्यता अनिवार्य रूप से विधायक कार्य न्यायालय विवाह नामक संस्था को न्याय व्याख्या से विधायिका द्वारा दिए गए विवाह संस्था के मूर्त स्वरूप को ना तो नष्ट कर सकती है और ना ही नवीन स्वरूप बना सकती है और ना ही मान्यता दे सकती है।
भारत में विवाह का एक शब्द तत्व है और एक महान और समय की कसौटी पर खरी उतरी वैवाहिक संस्था को कमजोर करने के लिए किसी भी प्रयास का समाज द्वारा प्रमुख विरोध किया जाना अति आवश्यक है।
समलैंगिक विवाह न्यायपालिका द्वारा वैध घोषित सही किया जाए क्योंकि उत्तर से पूर्ण रूप से विधायक का की क्षेत्र अधिकार में आता है।
इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती शशि अनिल यादव, गायत्री रघुवंशी, साधना श्रीवास्तव, सरिता रघुवंशी, जय श्री रघुवंशी, सुषमा साहू ,सरिता जैन, रजनी रैकवार, रूपा रघुवंशी, सीमा सेन सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।