म.प्र.राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गृह विभाग द्वारा जन समुदाय को लू (तापघात) के प्रकोप से बचाव के लिये एडवायजरी जारी की गई है । कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले ने पुलिस अधीक्षक और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के साथ ही आयुक्त नगरपालिक निगम, सभी राजस्व अनुविभागीय अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सभी तहसीलदार, जिला शिक्षा अधिकारी, अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण, जल संसाधन व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें, निदेशक आकाशवाणी केन्द्र और परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण को इस संबंध में निर्देश दिये हैं कि लू (तापघात) के प्रकोप से बचाव के लिये जारी की गई एडवायजरी के अनुसार कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करें ।
कलेक्टर श्रीमती पटले ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी मौसमी दृष्टिकोण के अनुसार माह अप्रैल से मई तक का तापमान औसत तापमान से अधिक होने की संभावना है जिससे लू (तापघात) की स्थिति निर्मित हो सकती है । उन्होंने जारी एडवायजरी के अनुसार बताया कि लू (तापघात) के प्रभाव, लक्षण और प्राथमिक उपचार के संबंध में सलाह दी गई है कि लू (तापघात) में सूर्यदाह होने पर त्वचा पर लाल चकते, सूजन, फफोले, बुखार, सिरदर्द आदि हो सकते हैं । ऐसे रोगी के प्राथमिक उपचार के लिये प्रभावित रोगी को बार-बार नहलायें यदि फफोले निकल आयें हों तो स्टरलाइज/ड्रेसिंग करें और चिकित्सक का परामर्श लें । ताप के कारण शारीरिक ऐंठन के प्रभाव से पैरों, पेट की मांसपेशियों अथवा शरीर के बाहरी भागों में तकलीफदेह ऐंठन व अत्यधिक पसीना आने पर प्रभावित को तत्काल छायादार स्थल पर ले जायें और ऐंठन वाले शरीर के भाग को जोर से दबायें व धीरे-धीरे सहलायें । प्रभावित को शीतल जल, छाछ अथवा पना पिलायें । यदि उबकाई आ रही हो तो शीतल पेय पिलाना बंद कर दें और तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जायें । अत्यधिक थकावट व शारीरिक खिंचाव होने पर अत्यधिक पसीना आने, कमजोरी महसूस होने, शरीर ठंडा होने या पीला पड़ जाने, सिरदर्द, नब्ज कमजोर पड़ जाने, मूर्छित हो जाने या उल्टी आने की दशा में प्रभावित को छायादार स्थल पर लिटाकर शरीर पर ठंडे व गीले कपड़े से स्पंजिंग करें और संभव हो तो उन्हें वातानुकूलित कमरे में ले जायें। प्रभावित को शीतल जल, छाछ अथवा पना पिलायें । यदि उबकाई आ रही हो तो शीतल पेय पिलाना बंद कर दें और तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जायें। इसी प्रकार तापदाह में अत्यधिक बुखार, अत्यधिक गर्म व सूखी त्वचा, तेज नब्ज व बेहोशी हो सकती है और प्रभावित व्यक्ति को पसीना नहीं आयेगा। यह अत्यंत चिंताजनक व चिकित्सा की दृष्टि से आपात स्थिति है । ऐसे में तत्काल 108 को बुलायें व प्रभावित को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करायें । एम्बुलेंस आने तक उसे किसी शीतल वातानुकूलित स्थान पर ले जायें। कपड़ों को ढीलाकर आरामदेह स्थिति में लिटायें व शरीर पर ठंडे व गीले कपड़े से स्पंजिंग करें । किसी भी प्रकार का पेय पदार्थ पीने को नहीं दें और आवश्यकतानुसार सीपीआर शुरू करें ।
कलेक्टर श्रीमती पटले द्वारा जारी एडवायजरी के अनुसार सलाह दी है कि लू (तापघात) से बचाव के लिये सुझाई गई सावधानियां अपनाई जाना चाहिये । इसके अंतर्गत पानी, छांछ, ओ.आर.एस. का घोल या घर में बने पेय जैसे लस्सी, नीबू पानी, आम का पना आदि का सेवन कर तरो-ताजा रहें। यथासंभव दोपहर 12 से 3 बजे धूप में बाहर निकलने से बचें। धूप में निकलते समय अपना सिर ढककर रखें। कपड़े, टोपी अथवा छतरी का उपयोग करें। धूप में निकलने के पूर्व तरल पदार्थ का सेवन करें। पानी हमेशा साथ रखें। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें। सूती, ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें। सिंथेटिक व गहरे रंग के वस्त्र पहनने से बचें। जानवरों को छाया में रखें और पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी दें। अत्यधिक गर्मी होने की स्थिति में ठंडे पानी से शरीर को पोछें या कई बार स्नान करें। धूप और गर्म हवाओं के संपर्क के तुरंत बाद स्नान नहीं करें। गरिष्ठ, वसायुक्त, ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन और अल्कोहल, चाय, काफी जैसे पेय पदार्थ का उपयोग कम से कम करें।