जिला दंडाधिकारी सुश्री ऋजु बाफना ने
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों एवं संबंधित संस्थाओं द्वारा बोरिंग, ट्यूबवेल खनन कराकर, पानी न निकलने के उपरांत बोर को खुला छोड़ दिया जाता है, जिससे उक्त क्षेत्र के बच्चों के खुले हुए बोर में गिरने की आशंका बनी रहती है एवं आये दिन सोशल मीडिया एवं न्यूज पेपर के माध्यम से भी बच्चों के बोर में गिरने की खबर प्रकाशित होती रहती है। इसके अतिरिक्त कुंओं में मुडेर न होने के कारण भी उसमें आमजन, छोटे बच्चों एवं पशुओं के गिरने की आशंका बनी रहती है। उक्त समस्या के समाधान के लिए एवं लोक सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए जिला दंडाधिकारी सुश्री ऋजु बाफना ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1) के अंतर्गत नरसिंहपुर जिले की सीमा क्षेत्र में आदेश जारी किया है।
आदेश का उल्लंघन पाये जाने एवं दुर्घटना होने पर भूमिस्वामी/ खननकर्ता/ संबंधित निकाय/ एजेंसी एवं संबंधित शासकीय विभाग प्रमुख उत्तरदायी रहेंगे तथा उनके विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60, भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 एवं अन्य युक्तियुक्त कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत सुसंगत कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील किया गया है।
जारी आदेश में निर्देशित किया गया है कि सम्पूर्ण नरसिंहपुर जिले की सीमा क्षेत्रांतर्गत (शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों, खेत खलिहानों में) होने वाली बोरिंग, ट्यूबवेल खनन कराने उपरांत एक भी बोर, ट्यूबवेल खनन खुला नहीं छोड़ा जाये, उसे तत्काल ढक कर बंद कर दिया जाये। समस्त भूमिस्वामी अपने स्वामित्व के कुओं को एक सप्ताह के भीतर पक्के मुडेर बनवाकर सुरक्षित करें। समस्त खननकर्ता यह सुनिश्चित करें कि बोर के तुरंत बाद, बोर सुरक्षित रूप से बंद हो, जिससे किसी प्रकार की जनहानि न हो। आदेश जारी होने के एक सप्ताह पश्चात संबंधित हल्का पटवारी द्वारा जांच की जायेगी। आदेश का पालन न होने पर पटवारी द्वारा इस संबंध में प्रतिवेदन तैयार कर तहसीलदार/ नायब तहसीलदार के माध्यम से संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। समस्त तहसीलदार/ नायब तहसीलदार अपने क्षेत्र के हल्का पटवारियों से एक सप्ताह उपरांत इस आशय के प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे कि उनके क्षेत्र में कोई बोर, ट्यूबवेल खनन (गढ्ढा) खुला हुआ नहीं है एवं समस्त कुंओं में पक्की मुडेर बनवा दी गई है तथा जिनके द्वारा आदेश का पालन नहीं किया गया है, उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिये गये हैं। भूमिस्वामी/ खननकर्ता/ संबंधित निकाय/ एजेंसी एवं संबंधित शासकीय विभाग द्वारा इस आदेश का तत्काल पालन सुनिश्चित किया जाये। आदेश का उल्लंघन पाये जाने एवं दुर्घटना होने पर भूमिस्वामी/ खननकर्ता/ संबंधित निकाय/ एजेंसी एवं संबंधित शासकीय विभाग उत्तरदायी होंगे तथा उनके विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60, भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 एवं अन्य युक्तियुक्त कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत सुसंगत कार्यवाही की जायेगी।