राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को 16 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
शासकीय अस्पतालों में प्रसव कराने वाली गरीब परिवार की महिलाओं तथा अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग की महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में 1400 रूपये तथा शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। घर पर प्रसव होने पर गरीब परिवार की महिलाओं को 500 रूपये की राशि का भुगतान किया जाता है।
स्वस्थ्य विभाग ने बताया कि मुख्यमंत्री सेवा प्रसूति सहायता योजना के तहत कुल 16 हजार रूपये का भुगतान महिलाओं को किया जाता है। इसमें शर्त यह है कि गर्भवती महिला प्रसव के दौरान चार बार शासकीय अस्पताल में स्वास्थ्य जाँच कराए। पहली जाँच गर्भावस्था के 12 वें सप्ताह तक, दूसरी जाँच 13 से 25 सप्ताह के बीच, तीसरी जाँच 26 से 33 सप्ताह के बीच तथा चौथी गर्भावस्था जाँच 34 वें सप्ताह में कराई गई हो। चार जाँच होने पर 4000 रूपये का भुगतान महिला के खाते में जमा किया जाता है। इसके बाद शासकीय चिकित्सालय या जननी सुरक्षा योजना के तहत अनुबंधित अस्पताल में प्रसव होने पर तथा बच्चे के जन्म के बाद उसके सभी टीकाकरण होने पर द्वितीय किश्त के रूप में 12000 रूपये का भुगतान किया जाता है। पात्रता की शर्ते इस योजना का लाभ उन महिलाओं को दिया जाएगा, जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक है तथा वे महिलाएं या उनके पति कर्मकार मण्डल अथवा भवन संनिर्माण मण्डल मंय मजदूर के रूप में पंजीकृत हो। प्रसूति सहायता का लाभ अधिकतम दो जीवित जन्म वाले प्रसव के लिये ही किया जाएगा। यदि बच्चे का जन्म जननी सुरक्षा वाहन में ही हो जाता है तो भी इस योजना का लाभ मिलेगा।