गंज बासौदा से मुकेश चतुर्वेदी
*गंजबासौदा।* गुरु का दिया हुआ भजन भवसागर से पार उतार देता है जिसका गुरु समर्थ होता है उसकी कृपा से वह मुश्किल से मुश्किल घड़ी को भी पार कर लेता है। यह बात समीपस्थ ग्राम सिरनोटा में चल रही संगीतमय भागवत कथा के दौरान मालवा माटी से आए कथा वाचक पंडित प्रफुल्ल नागर ने व्यक्त किए। कथा में श्री कृष्ण जन्म उत्सव भी मनाया गया इस मौके पर श्रद्धालुओं ने कान्हा के जन्म उत्सव की बधाई नाचते गाते हुए एक दूसरे को दी। कथा के दौरान पंडित नागर द्वारा मालवी भाषा के भजनों पर श्रद्धालुओं ने नाचते हुए उत्सव मनाया। सिरनोटा धाम के महंत लखनदास महाराज, पूर्व विधायक हरि सिंह रघुवंशी,कथा के मुख्य यजमान रामस्वरूप मीना, प्रयाग सिंह रघुवंशी एवं सतीश माहेश्वरी ने कथा व्यास का पुष्पहारों से सम्मान किया।
कथा के दौरान पंडित नागर ने भरत और हिरण के प्रसंग पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि जो मोह के वश गुरु के भजन से विमुख हो जाता है वह 84 के चक्कर में पड़ जाता है। राजा भरत हिरण के मोह में फंसे तो भजन से विमुख हो गए। पंडित नागर ने कहा कि सिरनोटा ही नहीं बल्कि इस क्षेत्र के आसपास की पावन धरा पर संतों की बड़ी कृपा है। इन सिद्ध संतों की ही कृपा है जिसके कारण यह क्षेत्र धनधान्य से भरा हुआ है।
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*कथा में मनेंगे उत्सव, 20 अप्रैल को विशाल भंडारा*
सिरनोटा में चल रही भागवत कथा के दौरान उत्सव भी मनाए जाएंगे। रविवार को कथा के दौरान धूमधाम से श्री कृष्ण जन्म उत्सव मनाया गया। कृष्ण के जन्म लेते ही पंडाल नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल के स्वर सुनाई दिए। नाचते गाते हुए श्रद्धालुओं ने एक दूसरे को जन्मोत्सव की बधाई दी। कथा प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित हो रही है जिसमें 17 अप्रैल सोमवार को गोवर्धन पूजा, 18 अप्रैल मंगलवार को रुकमणी विवाह उत्सव,19 अप्रैल बुधवार को सुदामा चरित्र के साथ कथा का समापन होगा। कथा की पूर्णाहुति पर 20 अप्रैल गुरुवार को विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।