कटनी । प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप कम लागत तकनीकी से अधिक उत्पादन प्राप्त करने आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने हेतु जिले के विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों में जैविक खेती का प्रशिक्षण व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत दिया जा रहा है। इसी क्रम में वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद ने विद्यार्थियों को प्राचार्य डॉ इंद्र कुमार पटेल के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक विवेक चौबे एवं मंजू द्विवेदी के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा नील हरित काई का निर्माण एवं उपयोग तथा प्रकाश खाद एवं ईधन उपयोग के लिए बायोगैस संयंत्र निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया। नील हरित काई सूक्ष्म जीवाणुओं का समूह है जो धान की फसल में 4 किलो प्रति एकड़ उपयोग करने से वायुमंडल की नत्रजन को स्थिरीकरण करने के कारण एक तिहाई नत्रजन वाली खाद की बचत होती है तथा धान में 15 से 20% की वृद्धि होती है इसका निर्माण फरवरी से जून तक किया जाता है इसके निर्माण एवं उपयोग की तकनीकी जानकारी कब विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।