रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय की राष्ट्रीय संयोजक व नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेघा पाटकर के नर्मदापुरम आगमन के बाद से ही हलचल शुरू हो गई है। मेघा पाटकर जल जंगल जमीन और प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए निरंतर एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने बांद्राभान में नदी जल जंगल जमीन विस्थापन विकास रोजगार के सवाल पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया है। इस दौरान जिलेभर से आदिवासी समुदाय और अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों ने मिलकर उनके साथ हो रहे अत्याचार से अवगत कराया है।
जिसमे माखननगर तहसील के अंतर्गत ग्राम खिड़िया के आदिवासी परिवार ने भी उनके साथ हो रहे अत्याचार की दास्तां मेघा पाटकर के सामने रखी।
साहबसिंह आत्मज मजबूत सिंह आदिवासी ग्राम खिड़िया निवासी ने बताया कि वह परिवार के साथ खेती किसानी, मजदूरी करता है और खसरा नंगर 165 /1, 153/2, 153 / 3 एवं अन्य रकबे जिन पर हमारा रकबा है। हमने गेंहू की फसल बोई थी जिसे काटने के लिए दिनांक 26.03.2023 को मैं एवं मेरा भाई नरेन्द्र एवं बहन रेवा धुर्वे भाभी तुलसा ,माँ काशीबाई खेत पर गए तो दिन के 10 ,10:30 बजे गांव के संतोष , मनीष और बनवारीलाल आ गए और बोले तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई गेंहू की फसल काटने की हमने कहा कि हमने फसल बोई है तो इसलिए काट रहे हैं तो सभी बोले कि तुम आदिवासियों की इतनी हिम्मत की तुम हम से बगैर पूछे फसल काट रहे हो, फसल काटना अभी बंद कर दो नहीं तो तुम सबको जान से खत्म कर देंगे और खेत में ही गड़ा देंगे। जिसके बाद हम लोग अपने घर वापस चले गए। 27.03.2023 को पुनः मैं मेरा भाई नरेन्द्र एवं बहन रेवा धुर्वे भाभी तुलसा , माँ काशीबाई खेत पर गए तो वहां गांव के दबंग लोग आए और उन्होंने हमारे साथ गाली गलौज करते हुए फसल काटने से रोका। पुलिस भी हमारी सुनवाई नहीं कर रही है और दबंगों ने बाद में हमारी फसल काट ली , हम दहशत में हैं। ओर मेरे द्वारा सरकारी लोन पर लिया गया ट्रैक्टर भी दबंगों के कब्जे में है । मै और हम जैसे और आदिवासियों की जमीनों पर भी कब्जा किया जा रहा है। अधिकारियो से मिलीभगत कर रजिस्ट्री तक हो जा रही है और नामांतरण भी हो जा रहा है। हमारी शिकायत पर पुलिस और अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं उल्टा हमें ही प्रताड़ित किया जा रहा है। हमारा पूरा परिवार गांव से पलायन को मजबूर है। हमें धमकी दी जा रही है और हमारी जान माल का भी खतरा है। गांव के जनप्रतिनिधि भी हमारी मदद नहीं कर रहे हैं। हमने क्षेत्र के विधायक से भी अपनी गुहार लगा चुके हैं,उसके बाद भी हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अपनी व्यथा नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेघा पाटकर को बताकर उन्हे अपने साथ हुई घटना से अवगत कराया है।नर्मदापुरम में पीपल चौक पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में मिलकर उन्हें आश्वस्त किया कि आप अपनी जमीन ओबीसी के दबंग व्यक्ति द्वारा अपने नाम लिखवाने पर कोर्ट में मामला दायर करे और रजिष्ट्री शून्य करवाए और आपके ट्रैक्टर हथियाने के मामले की शिकायत संबंधित थाना और उच्च पुलिस अधिकारियो से कीजिए की सलाह दी गई। साथ वे आप जैसे लोगो की लीगल लड़ाई में आपके साथ है। आप कानूनी रास्ते पर चलकर अपने अधिकारों के लिए आगे बढ़े हमारा संगठन आपके साथ है।