नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
मां ब्रह्माचारिणी की पूजा करने के लिए सुबह-सवेरे निवृत्त होकर स्नान करे. इस दिन भक्त स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं. इस दिन सफेद या पीले कपडे़ पहनना बेहद शुभ होता है. मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय रंग सफेद माना जाता है इसीलिए उन्हें सफेद रंग की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं व भोग लगाया जाता है. इसके अतिरिक्त मां ब्रह्मचारिणी की आरती होती और मां के समक्ष घी का दीपक जलाया जाता है.
मां ब्रह्माचिरिणी की आरती
जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता. जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥
ब्रह्मा जी के मन भाती हो. ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥
ब्रह्म मन्त्र है जाप तुम्हारा. जिसको जपे सरल संसारा॥
जय गायत्री वेद की माता. जो जन जिस दिन तुम्हें ध्याता॥
कमी कोई रहने ना पाए. उसकी विरति रहे ठिकाने॥
जो तेरी महिमा को जाने. रद्रक्षा की माला ले कर॥
जपे जो मन्त्र श्रद्धा दे कर. आलस छोड़ करे गुणगाना॥
माँ तुम उसको सुख पहुँचाना. ब्रह्मचारिणी तेरो नाम॥
पूर्ण करो सब मेरे काम. भक्त तेरे चरणों का पुजारी॥
रखना लाज मेरी महतारी.
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