सीमा कैथवास की रिपोर्ट
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प को साकार करने वाला बजट,
नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश का बजट मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प को साकार करने वाला हैं। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के बजट को आम जनता के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए संभाग स्तर पर अधिकारियों की टीम भेजकर संभाग स्तरीय कार्यक्रम के माध्यम से बजट की बारिकियों से अवगत कराने के लिए परिचर्चा कराई जा रही है। जिसमें यह बताया जा रहा है कि बजट कितना महत्वपूर्ण है। यह बात पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक नर्मदापुरम डॉ सीतासरन शर्मा ने शनिवार को नर्मदा महाविद्यालय में आयोजित आर्थिक सर्वेक्षण एवं बजट पर परिचर्चा समारोह के दौरान कही। उन्होंने कहा कि बजट सोशल डाक्यूमेंट ही नहीं मप्र के विकास को गति देने वाला बजट है। बजट जनता तक पहुंचना है। यह बजट सरकार की सोच को प्रदर्शित करने वाला है।
इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती नीतू यादव, इटारसी नपाध्यक्ष श्री पंकज चौरे, जनपद अध्यक्ष श्री भूपेंद्र चौकसे, मप्र प्लानिंग एवं पालिसी कमीशन भोपाल के ओएसडी श्री राजीव जैन, अटल बिहारी बाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान भोपाल की प्रिंसीपल एडवाइजर श्रीमती सुप्रभा पटनाक, नर्मदापुरम कमिश्नर श्री श्रीमन् शुक्ला, कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह, प्राचार्य डॅा ओएन चौबे सहित काॅलेज के प्राध्यापक, उद्योगपति, व्यापारी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, विद्यार्थी और नागरिक शामिल रहे। परिचर्चा के दौरान अनेक लोगों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए।
इस अवसर पर मप्र प्लानिंग एवं पालिसी कमीशन भोपाल के ओएसडी श्री जैन ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है। जबकि बजट दस्तावेज़ में सभी स्रोतों से राजस्व की समेकित रिपोर्ट और सभी गतिविधियों के व्यय और बजट संसाधनों के अनुमान शामिल होते हैं। सरकार ने राज्य के आर्थिक और वित्तीय मुद्दों को जोड़ने और बेहतर ढंग से समझने के लिए इन दोनों दस्तावेजों को अपने नागरिकों तक पहुंचाने का फैसला किया है।
श्रीमती पटनायक ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान की सोच है कि बजट जनता तक पहुंचे।सर्वांगीण विकास का बजट है। महिलाओ की सशक्तिकरण का विशेष ध्यान रखा गया है। लाड़ली बहना योजना में 8 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने क्या कहा –
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि बजट विकास की गतियों को तेज करने का प्रमुख माध्यम है। शासन आय प्राप्त करता है उसे किस प्रकार व्यय करना है इसे समाहित किया जाता है। मध्यप्रदेश बजट का आकार बढ़ रहा है। इस बार का बजट 3 लाख 14 हजार करोड़ का बजट है। इसमें राजस्व व्यय, पूंजीगत व्यय, शासकीय व्यय पर प्रकाश डालते हुए खर्च और आय के अनेक उदाहरण प्रस्तुत किए। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश की जीडीपी की गति बढ़ेगी। इसके साथ ही अनेक वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
महाविद्यालय के प्रोफेसरों ने बताई बजट की बारीकियां –
इस मौके पर विशेष वक्ताओं के रूप में माखन नगर के प्रोफेसर डॉ अमिताभ शुक्ला ने बजट का विश्लेशण करते हुए बजट में रखे हुए प्रावधानों का विस्तृत ब्याेरा प्रस्तुत करते हुए नारी शक्ति, युवा, जनजातिय विकास, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, नगरीय विकास सहित धार्मिक स्थलों के विकास पर होने वाले प्रावधानों की जानकारी दी। पीजी कालेज पिपरिया की प्रोफेसर डॉ अनीता सेन ने बजट में नारी शक्ति के सशक्तिकरण, लाड़ली बहना योजना, मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी
योजना, सीएम राइज स्कूल, राज्य के युवाओं के लिए 1 लाख नई नौकरियों, स्वराेजगार के अवसर सहित आत्मनिर्भर मप्र के संदर्भ में बजट का प्रस्तुतिकरण किया।
अनेक लोगों ने किए प्रश्न, दिए अपने सुझाव –
इस अवसर पर उद्योग संघ के गौरव सेठ, व्यापारी मनोहर बढ़ानी, हरदा से आए महेश गुर्जर, नर्मदा महाविद्यालय के छात्र हिमांशू नागवंशी,वंदना मीना , श्रेयांस सहित कालेज के प्रोफेसर व अन्य नागरिकों ने बजट पर अपनी जिज्ञासा व्यक्त की तथा सुझाव दिए जिसके उत्तर कलेक्टर श्री सिंह, के साथ अन्य अधिकारियों ने दिए।
कार्यक्रम में संयुक्त आयुक्त श्री जीसी देाहर, एडीएम श्री मनोज कुमार ठाकुर, संयुक्त संचालक महिला बाल विकास श्री हरीकृष्ण शर्मा, एसडीएम श्रीमती मोहनी शर्मा, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती फरहीन खान, सीएमओ नवनीत पांडेय, सहित अनेक अधिकारी शामिल रहे। संचालन डाॅ हंसा व्यास ने तथा आभार प्रदर्शन प्राचार्य डाॅ ओएन चौबे ने किया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह तथा तुलसी के पौधे प्रदान किए गए।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण और मध्य प्रदेश बजट दो महत्वपूर्ण वार्षिक दस्तावेज हैं जो मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रकाशित किए जाते हैं। आर्थिक सर्वेक्षण किसी दिए गए वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है, जबकि बजट दस्तावेज़ में सभी स्रोतों से राजस्व की समेकित रिपोर्ट और सभी गतिविधियों के व्यय और बजट संसाधनों के अनुमान शामिल होते हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के आर्थिक और वित्तीय मुद्दों को जोड़ने और बेहतर ढंग से समझने के लिए इन दोनों दस्तावेजों को अपने नागरिकों तक पहुंचाने का फैसला किया है। AIGGPA और MPSPC ने राज्य के सभी दस मंडल मुख्यालयों में MP आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 और MP बजट 2023-34 पर कॉन्क्लेव आयोजित करने का निर्णय लिया है। कॉन्क्लेव हितधारकों के लिए एक मंच होगा जिसमें हर वर्ग के आम नागरिक, नागरिक समाजों और उद्योगों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद, नीति विशेषज्ञ और प्रशासक शामिल होंगे। इसका उद्देश्य दो दस्तावेजों पर चर्चा के माध्यम से राज्य की आर्थिक और वित्तीय स्थिति और मुद्दों के बारे में जागरूकता लाना तथा नागरिकों के साथ सीधा संवाद स्थापित करना है।
अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान (एआईजीजीपीए) और मध्य प्रदेश राज्य नीति आयोग (एमपीएसपीसी) इस वर्ष के एमपी आर्थिक सर्वेक्षण की तैयारी के लिए अर्थशास्त्र और सांख्यिकी विभाग के साथ सहयोग किया और एक शोधित दस्तावेज़ प्रस्तुत किया जो कि पिछले दो दशकों में राज्य की विकास यात्रा का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करने के लिए उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण किया।
दस्तावेज़ को मात्र तथ्य बताने वाले दस्तावेज़ से एक शोध और विश्लेषण-आधारित दस्तावेज़ में परिवर्तित किया गया है। जिसमें राज्य के विकास की दिशा पर गहराई से अध्ययन है। इस वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण की कुछ मुख्य विशेषताएं प्रमुख आर्थिक संकेतकों में वृद्धि में हैं जैसे कि वित्त वर्ष 2022-23 में एसडीपी की 16.43% की वृद्धि; पिछले दशक में प्रति व्यक्ति आय 256% बढ़कर रु. 1.40 लाख, 2005 में ऋण और जीएसडीपी अनुपात 39.5% से घटकर 2020 में 22.6% हो गया; प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के ऋण और एमएसएमई में उल्लेखनीय वृद्धि; और सिंचाई क्षमता में पर्याप्त वृद्धि के कारण कृषि उत्पादन में लगातार वृद्धि । दस्तावेज़ में विभिन्न सरकारी योजनाओं की उपलब्धियों को भी शामिल किया गया है। दूसरी ओर, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राज्य के लिए कुल बजट परिव्यय रुपये है। 3.14 लाख करोड़। सीएम राइज स्कूल, लाडली बहना योजना, मुख्यमंत्री कौशल अप्रेंटिसशिप योजना और मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना जैसी प्रमुख योजनाओं के साथ राज्य के हाशिए पर रहने वाले वर्गों, महिलाओं और युवाओं के विकास पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। राज्य के युवाओं के लिए 1 लाख नई नौकरियों की भी घोषणा की गई।