सीमा कैथवास की रिपोर्ट
नर्मदापुरम । जिला मुख्यालय पर ग्रामीण क्षेत्र और शहरी क्षेत्र के लोग यह उम्मीद लगाकर शासकीय अस्पताल आते हैं कि यहां जो सुविधा उपलब्ध होगी वह निश्चित ही संभाग मुख्यालय स्तर की होगी, लेकिन आपको यह जानकर ताजूब होंगा कि यहां नियम कायदे ताक में रखकर वाहन स्टैंड ठेकेदार अपने कर्मचारियों के माध्यम से मनमाने तरीके से वाहन स्टैंड पर वाहन खड़े करने नाम पर शुल्क की वसूली कर रहे हैं । इतना ही नहीं ताजुब की बात तो यह है कि चिकित्सालय परिसर में किसी भी जगह वाहन ठेकेदार का कोई बोर्ड भी नहीं लगा है जिसमें यह लिखा हो कि टू व्हीलर, फोर व्हीलर , ऑटो आदि से कितना शुल्क वसूला जाएगा और कितने समय के लिए कितना शुल्क देना होगा। न हीं ठेकेदार का मोबाइल नंबर है, न नाम है । ऐसे में इलाज कराने आए रोगी के परिजन लाखों की कीमत का वाहन किसके भरोसे खड़ा करेंगे पर बड़ा सवाल खड़े करता है। यह बड़ा चिंता का विषय है जिला चिकित्सालय के जिम्मेदार अधिकारियों को कम से कम इतना तो ध्यान देना चाहिए कि दुख मुसीबत में आने वाले परिजनों के वाहनों को सुरक्षित खड़ा किया जा सके । आप और हम अच्छी तरह से जानते हैं कि वैसे भी शासकीय अस्पताल में कोई घूमने फिरने के लिए नहीं आता होंगा, या तो परिवार के सदस्य को , या रिश्तेदार को, या हम अपने इष्ट मित्रों को इलाज के लिए लेकर आते हैं । और निश्चित ही अस्पताल में आने वाला हर शख्स इस बात से दुखी रहता है कि उसके किसी न किसी परिजन को कोई न कोई दिक्कत तो है तभी इलाज के लिए आता है। ऐसे में यदि एक और नई दिक्कत तैयार हो जाती है कि वाहन से कोई व्यक्ति आता है उस पर अवैध वसूली होने लगती है बड़े शर्म की बात है कि विभाग के आला अधिकारी और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी ध्यान नहीं दे रहे हैं कि आज तक ठेकेदार का कोई बोर्ड तक नहीं लगा है! और तो और जो वाहन खड़े करने पर पर्ची दी जा रही है वह भी सादे कागज पर दी जा रही है। मान लो अगर किसी का वाहन चोरी हो जाए तो ऐसे स्टैंड संचालित करने वालो पर किस आधार पर वाहन मालिक क्लेम करेगा यह चिंता का विषय है? जबकि निरंतर सरकार भी प्रयास कर रही है कि आम जनता को किसी भी प्रकार सुविधा लेने में कोई दुविधा ना हो लेकिन संभाग मुख्यालय सहित जिला मुख्यालय पर बैठे आला अधिकारी, जनप्रतिनिधि, इस बात को नहीं जानते हैं उनकी नाक के नीचे जिला अस्पताल में क्या क्या कारनामे चल रहे हैं ? वैसे स्वास्थ समिति के प्रतिनिधि भी मुख्यालय पर मौजूद रहते हैं पर क्या उन्हे भी कोई जानकारी कभी नही लगी। इस वाहन स्टैंड पर एक मामला सामने जो आया है इसमें स्टैंड पर वाहन खड़े करने की ₹100 वसूले गया हैं । आपको बताते है क्या कहा रोगी के साथ आए परिजन ने कि मेरा नाम देवेंद्र यादव है मैं मालाखेड़ी में रहता हूं और मैं अपनी पत्नी के इलाज के लिए अस्पताल आया हूं मुझसे मेरे टू व्हीलर वाहन के एक सो रुपए वसूले गए हैं और मेरे साथ ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया है। और इस बात की मैंने मुख्यालय पर स्थित सभी आला अधिकारियों को शिकायत की है। साथ ही सिविल सर्जन से भी इस विषय में शिकायत की है और कार्रवाई की मांग की है। और ठेकेदार द्वारा वाहन रखने की जो पर्ची दी गई है वह आपके समक्ष प्रस्तुत है । क्या कहा जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉक्टर सुधीर विजयवर्गीय
ने कि मुझे यह मामला आप के माध्यम से संज्ञान में आया है और मैं आपके सुझाव से सहमत हूं कि वाहन ठेकेदार द्वारा परिसर में नियम कानून के साथ बोर्ड लगाया जाए और अवैध वसूली ना करें। मुझे शिकायत मिली है देवेंद्र यादव के माध्यम से हम शिकायत पर कार्रवाई करेंगे।