सीमा कैथवास की रिपोर्ट
नर्मदापुरम । जिले में वर्ष 2019 से अब तक निरंतर लोग पौष्टिक दूध पी रहे हैं नागरिकों को नकली और मिलावटी दूध नहीं मिल रहा है यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की एक खबर कह रही है। जिसमें अवगत कराया गया है कि वर्ष 2019 से 23 तक लिए गए 100 सैंपल में किसी में भी सिंथेटिक दूध नहीं पाया गया जिसके क्या मायने हैं ? दूसरी तरफ एक खबर यह भी आई है कि एशियन पेंट कंपनी के कर्मचारियों ने पुलिस को शिकायत दी कि पिपरिया में नकली एशियन पेंट्स बेचा जा रहा है दुकानों पर , जिसके बाद पुलिस ने दुकानों की जांच की तो एक दुकान से नकली एशियन पेंट पाया गया , जिस पर पुलिस थाना पचमढ़ी रोड पिपरिया में पचमढ़ी रोड स्थित एक कलर पेंट की दुकान पर नकली एशियन पेंट बेचे जाने के मामले में पुलिस ने शिकायत पर प्रकरण दर्ज किया है जो सबसे ही ज्यादा चौंकाने वाला विषय है। पुलिस ने संबंधित दुकान से 9 बाल्टी नकली एशियन पेंट्स जप्त किया है।
यदि हम खाद्य पदार्थों में मिलावट की बात करें या फिर दूध में या खाद्य तेल , मिलावट की बात करें तो इसकी असली सच्चाई किचन में काम करने वाली गृहणीया ही बता सकती हैं कि वास्तव में उनके घरों में बाजार से खरीद कर कितनी शुद्धता की सामग्री लाई जा रही है ? जबकि परिजन खाद्य सामग्री का पूरा भुगतान दुकान पर करते हैं उसके बाद खाद्य सामग्री लेकर आते हैं। ऐसे में खाद्य सुरक्षा अधिकारी का मीडिया में यह बयान कि वर्ष 2019 से फरवरी 2023 तक लिए गए करीब 100 से ज्यादा सैंपल में एक में भी सिंथेटिक दूध नहीं मिला है हमारी टीम लगातार जांच करती है , यह अच्छी बात है कि जिले में गुणवत्ता युक्त दूध बेचा जा रहा है। जिले में खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग द्वारा 2019 से अब तक की गई जांचों में यह बात सामने आई है। विभाग के अनुसार जिले में दूध की खपत की जा रही है, उसमें मिलावट नहीं है। 2019 से एक भी सैंपल में यूरिया, सोडा, टिर्जेंट नहीं पाया गया पारंपरिक तौर पर पानी की मिलावट जरूर कुछ सैंपलों में मिली है। खाद्य निरीक्षक जेएस राणा ने बताया कि वर्ष 2019 से फरवरी 2023 तक लिए गए करीब 100 से ज्यादा सैंपलों में एक भी सैंपल में सिंथेटिक दूध नहीं मिला है। हमारी टीम लगातार जांच कार्रवाई करती है। यह अच्छी बात है कि जिले में दूध गुणवत्तापूर्ण बेचा जा रहा है। क्या जिले में बिकने वाले खाद्य तेल में भी कोई मिलावट नही है पर भी सैंपल कलेक्ट कर शुद्धता का प्रतिशत आंकना चाहिए ? फूड विभाग के जिम्मेदारों को खाद्य तेल का भी सैंपल करना चाहिए? खाद्य तेल भी एक जरूरी और स्वास्थ की दृष्टि से शुद्धता का होना चाहिए दूध की तरह । चूंकि खाद्य तेल को भी फूड में प्रतिदिन उपयोग होता है इस दृष्टि से खाने में उपयोग हो रहे तेल की सैंपलिंग कर शुद्धता का प्रतिशत बताना चाहिए । इसलिए खाद्य तेल का भी सैंपल कलेक्ट कर खुलासा होना चाहिये कि जिलेवासियों को खाद्य तेल कितना शुद्ध मिल रहा है? दूसरी तरफ प्रतिष्ठित कम्पनी का एशियन पेंट्स बाजार में नकली उपलब्ध होना बड़े सवाल खड़े करता है ?