सीमा कैथवास की रिपोर्ट –
नर्मदापुरम। रेल पटरी पर मवेशियों के आने की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए पूरे भोपाल मण्डल पर व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत मण्डल के सभी आउट पोस्टों के प्रभारियों तथा रेल पथ निरीक्षकों के नेतृत्व में पूरे भोपाल मण्डल में रेल पटरी के नजदीक के गाँव व बस्तियों में जगह-जगह जाकर मवेशी मालिकों को समझाया जा रहा है कि पटरी पर जानवर आकर ट्रेन से टकराने से उनकी जान तो जाती ही है, साथ ही यह सुरक्षा के लिए घातक भी है। इसलिए रेल पटरी पर अपने जानवरों को जाने से रोकें , जो कि पालतू जानवरों का रेलवे ट्रैक पर जाना ट्रेसपासिंग ( Trespassing) में आता है। जानवर को पटरी पर छोड़ देने तथा उसकी जान और रेल परिचालन को ख़तरा पैदा करने वालों के ख़िलाफ़ रेल अधिनियम की धारा 147 के तहत कार्यवाही का प्रावधान है, जिसमें 6 माह तक की जेल अथवा 500 रुपये से 1000 रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों की सजा हो सकती है। मंडल रेल प्रबंधक ने कहा है कि पशु हमारे पर्यावरण के महत्वपूर्ण अंग हैं और रेल गाड़ी से टकराकर इनका कट जाना हम सब के लिये एक बहुत बड़ी क्षति है। सभी को चाहिये कि पशुओं को पटरी पर आने से रोकें और उनका सही पालन पोषण करें, जिससे हमारा ecosystem (पारिस्थितिकी तंत्र) सुदृढ़ बना रहे। अतः मवेशी पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण अंग हैं, उनकी जान की रक्षा करें, मवेशियों को रेल पटरी पर जाने से रोकें, उनकी जान खतरे में पड़ सकती है । उन्हे रेल पटरी पर आने से रोके।