एमपी न्यूज कास्ट संपादकीय
जिसके हृदय में बचपन से मातृभूमि वीर बलिदानियों सैनिक भाईयों और राष्ट्र के प्रति आपार प्रेम भरा देखने को मिलता है। शिक्षाकाल से राष्ट्रगीत वीरता भरे पराक्रमी नाटक के कार्यक्रमों में बढकर भाग लेते रहे है। ईश्वरीय शक्तियों से अत्याधिक लगाव और एक अटूट भरा विश्वास है।
नौवीं क्लास पास कर दसवीं में एडमिशन लेकर दो महीने राजा राम इण्टर कालेज में पढने गये विद्यालय में अध्यापकों ने पन्द्रह अगस्त में राष्ट की आजादी के अमर शहीद क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आजाद जी के नाटकीय रूपान्तर करने को शिवकरन को दिया गया। जिसमें दैवीय कृपा से मंच पर ऐसा देखने में प्रतीत हो रहा था।कि जैसे स्वयं चन्द्रशेखर आजाद जी की दूसरी हूबहू फोटोकापी दर्शकों को देखने को मिल रही हैं।
यह सराहनीय नाटक का प्रदर्शन शिवकरन राजा राम इण्टर कालेज हरदों खागा फतेहपुर में इतना सराहनीय हुआ की आगे प्रिंसिपल श्री राम प्रताप सिंह जी के द्वारा इलाहाबाद अल्फ्रेड पार्क में शहीद हुए चन्द्रशेखर आजाद जी की जयंन्ती के अवसर पर दूसरी बार शिवकरन ने नाटक प्रस्तुत किया इसके बाद वहां से धीरे धीरे मन के आन्तरिक भाव शिवकरन के बदलते चले गये। अब उनके चेहरे पर हरपल आंखों में गौरवान्वित तेज की एक सोच की झलक दिखायी देती रहती थी। सबसे एकान्त में बैठकर गहरी सोंच में डूबे रहते थे। कोई पूंछने की कोशिश करता तो बताते नही थे। यह देखते हुए विद्यालय के इंग्लिश टीचर शिव बरन शर्मा जी बुलाकर पूंछा बेटा
शिवकरन तुम्हें क्या हुआ है।काफी दिनों से परेशान सा दिख रहे हैं।तुम्हारे सभी दोस्त बता रहें है।कि शिवकरन ने कहा सर मेरा दिल बार बार यह कहता है कि मैं भारत माँ की सेवा करूं फिर देखता हूँ। आज पूरे राष्ट्र में लोगों ने कई धर्म और विभिन्न प्रकार की जातियां बनाकर विष रूपी जहर दिन प्रतिदिन घोला जा रहा हैं। जहाँ तक देखता हूँ वहाँ तक लोगो की आंखों में स्वार्थरुपी काली पट्टियां बंधी हुई दिखायी देती हैं। राष्ट्र को आजाद कराने में जिन कई करोड़ो माताओं बृद्ध और नवयुवाओं ने यह सोंच कर लडाई लड़ स्वयं को बलिदान किया था।उन्हें केवल राष्ट्रीय पर्व पर दो दिन ही याद किया जाता है। जबकी उन्हें आने वाले प्रत्येक दिन त्यौहारों में सबके बीच समाज में दोहराते रहना चाहिए। आज मेरे नजदीक रहने वाले नशीले पदार्थो के आदी बने हुए है जिन्हे वीर कार्य कुशल होना था। वह कुरीतिओं में घिरते हुए हैं।जो समझकर हमारे वीर बलिदानियों ने हमें आजादी दिया देश को आजाद कराया की जो हम यातनाएं आज सह रहें है। वह आने वाले हमारे बच्चे भाईयों को न देखना पड़े स्वयं की आहुतियां देकर स्वतंत्रता का हम सभी को नया सवेरा दिया की हमारा आने वाला भारतवर्ष वीरता धीरता पराक्रमी बनेगा परन्तु वह कही नजर नही आ रहा हैं। बल्की उनके दिए महाबलिदान का एहसान भी आज का समाज भूल चुका हैं। यहाँ तक जो आज राष्ट्र की सरहद पर तैनात हमारी सेनाएं है। उन्हे भी केवल आम व्यक्तियों की तरह देखा जाता हैं। जो हम सबकी सुरक्षा के लिए अपने घर परिवार की मोह ममता त्याग कर मातृभूमी के
चरण वन्दन कर रोज सुबह या शाम ड्यूटी पर खडे़ होते है। यह दिल में सोच कर पता नही हम अभी तो खडे हों।आगे पता नही जिन्दा वापस बैरिक में जाये या न जायें आज तो भारत माँ की सेवा कर लिए कल हम रहे या न रहे पर हमारा यह कीर्तमान तिरंगा सदा हिमालय जैसे ऊचे स्थान गगन चुम्बी हवाओं में लहराता रहें।
फिर कुछ समय बाद स्वपन का बुलावा आया माता वैष्णो का
देशभक्त शिवकरन ने अच्छा स्वपन समझ भुला दिया फिर वही स्वपन बुलावा लगातार तीन दिन आया इसके बाद अपने खरौली ग्राम से 7 अक्टूबर बुद्धवार 2009 एक किलो मीटर पर श्री झरखण्डेश्वर महादेव मन्दिर तक दण्डवत परिक्रमा कर नंगे पाँव पैदल पूर्वांचल मध्यांचल पश्चिमांचल उत्तरांचल हिमांचल प्रदेश भारतवर्ष के कई धार्मिक तीर्थ स्थानों से होकर जम्मू-कश्मीर किश्तवाड़ नीलम घाटी श्री चण्डी मचेल दर्शन कर जिला रियासी कटरा श्री माता वैष्णो देवी की पहाडिय़ो के पीछे भमाग सुकालघाटी देवीगढ़ संथी धाम शिव शक्ती गुफा में 9 अक्टूबर शनीवार 2010 अंजनी गंगा के किनारे एक माँ शेरावाली की प्रतिमा लेकर साधना तपस्या करते हुए पहले तीन महीने अपामार्ग लटजीरे की पत्तियां खाकर रहें स्थानिय लोगो की भाषा न जानते हुए बाद में फिर लोगों का सहयोग मिलने लगा इसी स्थान पर माँ जगदम्बा को देशभक्त शिवकरन ने अपनी जुबान काटकर माँ के चरणों में चढाया माँ से कवित्त गायन श्वर कई शक्तियों का अध्यात्मिक गुप्त माता चण्डी वैष्णों से वरदान पाया फिर माता का जागरण हवन पूजन कर 9 मार्च शुक्रवार 2018 सिर पर
माता की प्रतिमा धारण किए नंगे पैर जन जन में राष्ट्र मातृभूमि सेना वीर बलिदानियों की पावन गाथा सुनाते वापस फतेहपुर खरौली ग्राम आयें थे।आज दूसरी बार 25 मार्च 2022 को यात्रा सुरु किया था जो आज मचेल चंडी देवी के दर्शन कर जो जम्मू में विराजमान हैं वैष्णो देवी के दर्शन करने पहुंचे हैं।
एमपी न्यूज कास्ट संपादक मनीष कुमार गौतम ।