कटनी( 23 जनवरी )- विकासखंड बहोरीबंद के ग्राम तिगवां के दृष्टिबाधित दिव्यांग कृष्णा चौधरी की आंखों में रोशनी की किरणों को लाने कलेक्टर अवि प्रसाद, हर उस नेत्र उपचार संस्थान के चिकित्सकों से संपर्क कर रहे हैं, जो इस क्षेत्र में खासकर कार्निया प्रत्यारोपण के मामले में देश के अग्रणी चिकित्सालय में शुमार हो। इसी क्रम में कलेक्टर श्री प्रसाद के प्रयासों से अब दिव्यांग कृष्णा की आंखों का हैदराबाद के प्रतिष्ठित नेत्र चिकित्सालय में 6 फरवरी को जांच होगी।
दृष्टिबाधित दिव्यांग कृष्णा चौधरी की आंखों की जांच अब हैदराबाद के ख्यातिप्राप्त नेत्र चिकित्सालय में होगा। जबलपुर के चिकित्सकों द्वारा कृष्णा की नेत्र ज्योति आने की बहुत कम संभावना जताने के बावजूद कलेक्टर अवि प्रसाद ने हार नहीं मानी और कृष्णा की आंखों में रोशनी आने की हर संभावना को परिणाम में बदलने देश के नामचीन नेत्र चिकित्सालयों से संपर्क करते रहे। इसी क्रम में संपर्क के बाद हैदराबाद के प्रतिष्ठित एल.व्ही. प्रसाद आई इंस्टीट्यूट ने दृष्टिबाधित कृष्णा चौधरी की आंखों की जांच हेतु 6 फरवरी की तारीख दी है।
एल.व्ही. प्रसाद आई इंस्टीट्यूट के क्लीनिक कार्निया एंड एनटेरियर सेग्मेंट के ख्यातिलब्ध विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. सयन बसु दिव्यांग कृष्णा की आंखों की कार्निया का परीक्षण करेंगे। वहां कृष्णा की आंखों की उच्च स्तरीय तकनीकी जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी कि, कृष्णा की आंखों का आगे ऑपरेशन होगा। चिकित्सक आंखों में रोशनी आने की संभावना की स्थिति में ही आगे की योजना बताएंगे।
उल्लेखनीय है, कि कलेक्टर श्री प्रसाद के गंभीर प्रयासों की वजह से दृष्टिबाधित कृष्णा की हाल ही में 18 जनवरी को जबलपुर के वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डॉ. पवन स्थापक ने भी जांच की थी। जांच के बाद बताया गया था, कि कृष्णा की दाहिनी आंख विकसित नहीं हुई है। जबकि बांयी आंख अंदर से तो बनी हुई है, लेकिन वहां फायब्रस लेयर बन गई है। इसलिए कृष्णा की आंख में नेत्रदान से मिलने वाले कार्निया का प्रत्यारोपण करने से भी डॉ. स्थापक ने रोशनी नहीं आने की संभावना जताई थी। उन्होंने कहा था कि कृष्णा की आंख में आर्टिफिशियल कॉर्निया के प्रत्यारोपण से ही रोशनी आने की संभावना है।
इसके बाद कलेक्टर श्री प्रसाद ने देश के अन्य विशेषज्ञ और ख्यातिलब्ध चिकित्सकों की ओर देखना शुरु किया और अब कृष्णा की आंखों की जांच हैदराबाद में होगी।