कृषि और कृषि सह संबध्द विभागों एवं मिलेट मिशन के अंतर्गत गठित कोर ग्रुप की बैठक संपन्न

कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले ने कहा कि जिले में मिलेट मिशन के अंतर्गत म.प्र.डे ग्रामीण आजीविका मिशन में पंजीकृत इच्छुक व सक्रिय महिला स्व-सहायता समूहों और महिला एवं बाल विकास विभाग के वन स्टॉप सेंटर की महिलाओं को चिन्हित करें एवं एक कार्ययोजना बनाकर उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करें जिससे वे मिलेट से संबंधित लघु उद्योगों की स्थापना कर अपने उत्पादन की ब्रांडिंग और मार्केटिंग कर आर्थिक रूप से समृध्द हो सकें । साथ ही जिले में मिलेट्स पर आधारित उत्पादों की जिले में एक अलग पहचान बन सके । मिलेट्स पर आधारित प्रसंस्करण ईकाईयों की स्थापना के लिये प्रशिक्षित महिलाओं और व्यक्तिगत लघु उद्यम स्थापित करने वाले उद्यमियों को ऋण की सुविधा भी उपलब्ध करायें । कलेक्टर श्रीमती पटले ने ये निर्देश आज कलेक्टर कार्यालय के मिनी संवाद कक्ष में कृषि और कृषि सह संबध्द विभागों और मिलेट मिशन के कोर ग्रुप की  प्रगति की समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों को दिये । बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री हरेन्द्र नारायण, सहायक कलेक्टर सुश्री वैशाली जैन, उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह, उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार, उप संचालक उद्यानिकी श्री एम.एल.उईके, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र श्री जी.के.हरणे, प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती मोनिका बिसेन, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड श्रीमती श्वेता सिंह, सह संचालक अनुसंधान आंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र डॉ.विजय कुमार पराड़कर, महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक श्री के.के.सोनी, जिला समन्वयक म.प्र.जन अभियान परिसर श्री पवन सहगल, सहायक संचालक कृषि श्रीमती सरिता सिंह, सहायक संचालक कृषि अभियांत्रिकी श्री समीर पटले, सहायक संचालक मत्स्योद्योग श्री राजेन्द्र सिंह, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के फूड साइंस डिपार्टमेंट के वैज्ञानिक और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे ।

कलेक्टर श्रीमती पटले ने निर्देश दिये कि जिले में उपलब्ध मिलेट्स कोदो, कुटकी, सांवा, रागी, ज्वार, बाजरा आदि के उत्पादन में वृध्दि, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और मार्केटिंग के माध्यम से कृषकों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने की दिशा में प्रयास करें तथा जिले के उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता के मिलेट्स उपलब्ध करायें जिससे जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश, देश और विदेशों में जिले के मिलेट्स की पहचान बने । उन्होंने निर्देश दिये कि जिले के एफपीओ व महिला स्व-सहायता समूह को ऑनलाईन प्लेटफार्म दिलाते हुये इनके उत्पादों की बिक्री के लिये मॉल आदि में काउंटर की व्यवस्था करायें, राज्य शासन द्वारा जारी लोगो का पेकिंग में उपयोग करें और जिले के मिलेट्स उत्पादों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें । उन्होंने निर्देश दिये कि जिले में नाबार्ड और जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के समन्वय से प्रसंस्करण ईकाईयों की स्थापना की कार्ययोजना बनाकर इसका क्रियान्वयन करें जिससे जिले के लघ़ु उद्यमियों को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने के साथ ही उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता के उत्पाद मिल सके । उन्होंने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के फूड साइंस डिपार्टमेंट के वैज्ञानिकों को निर्देश दिये कि म.प्र.डे
ग्रामीण आजीविका मिशन और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चिन्हित की गई महिलाओं को मास्टर ट्रेनर के रूप में मिलेट्स के विभिन्न उत्पाद के निर्माण के लिये प्रशिक्षित करें ताकि एक स्टैण्डर्ड रेसिपी के आधार पर उत्पाद का निर्माण कर उसकी ब्रांडिंग कर जिले में ऐसे उत्पाद की पहचान बनाई जा सके ।
बैठक में कलेक्टर श्रीमती पटले ने महिला दिवस पर फूड फेस्टिवेल का आयोजन कर इसमें मिलेट से संबंधित विभिन्न खाद्य पदार्थों को इस फेस्टिवेल में शामिल करने का सुझाव दिया । उन्होंने जिले में मिलेट्स फसलों की नवीन और उन्नत किस्मों के साथ ही परम्परागत किस्मों को बढ़ावा देते हुये तकनीकी फसल प्रदर्शन द्वारा किसानों को प्रेरित करने और उन्नत कृषि तकनीकी एवं कृषि उपकरणों से मिलेट्स फसलों की खेती पर भी जोर दिया । साथ ही कृषि अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि किसानों को मिलेट्स संबंधी कृषि उपकरणों व मशीनों का प्रदर्शन कर उन्हें प्रसंस्करण संबंधी प्रशिक्षण प्रदान करें जिससे किसान कृषि उपकरणों व मशीनों का सही तरीके से उपयोग कर बेहतर गुणवत्ता की फसल प्राप्त कर सकें । उन्होंने सरसों प्रक्षेत्र के जमुनिया व बोहनाखैरी कलस्टर के साथ ही अन्य कलस्टरों में हितग्राहियों को चिन्हित कर सरसों तेल उत्पादन की ईकाईयों की स्थापना की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिये तथा मिलेट्स उत्पादों, सरसों व अन्य तिलहन फसलों और अन्य लघु प्रसंस्करण ईकाईयों पर केन्द्रित लघु उद्योग प्रक्षेत्र विकसित करने की कार्ययोजना बनाने के लिये भी कहा । उन्होंने अन्य बिंदुओं पर भी दिशा निर्देश दिये ।
बैठक में उप संचालक कृषि श्री सिंह ने जिले में मिलेट्स फसलों के रकबा उत्पादन और उत्पादकता के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि जिले में 6200 हेक्टेयर रकबे में 4030 मेट्रिक टन कोदो का उत्पादन लिया गया है जिसकी फसल उत्पादकता 650 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है, 9400 हेक्टेयर रकबे में 4512 मेट्रिक टन कुटकी का उत्पादन लिया गया है जिसकी फसल उत्पादकता 480 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है, 1600 हेक्टेयर रकबे में 8322 मेट्रिक टन सांवा का उत्पादन लिया गया है जिसकी फसल उत्पादकता 520 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है, 125 हेक्टेयर रकबे में 44 मेट्रिक टन रागी का उत्पादन लिया गया है जिसकी फसल उत्पादकता 350 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है, 9800 हेक्टेयर रकबे में 1666 मेट्रिक टन ज्वार का उत्पादन लिया गया है जिसकी फसल उत्पादकता 1750 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है और 25 हेक्टेयर रकबे में 4 मेट्रिक टन बाजरा का उत्पादन लिया गया है जिसकी फसल उत्पादकता 1450 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। उनहोंने मिलेट्स उत्पादन की रणनीति व विभागवार गतिविधियों, मार्केंटिंग व ब्रांड स्थापना, उपभोक्ता जागरूकता और अन्य बिंदुओं की भी विस्तार से जानकारी दी । महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र श्री हरणे ने बताया कि जिले के अतरवाड़ा और रामगड़ी कलस्टर में विभिन्न मल्टीपल प्रोजेक्ट पर आधारित लघु उद्योगों की स्थापना की कार्ययोजना बनाई जा रही है । इसके लिये शासकीय भूमि चिन्हित की गई है जिसमें मिलेट्स उत्पाद के साथ ही पशु आहार व अन्य प्रसंस्करण ईकाईयों की स्थापना की जा सकेगी । इस कार्ययोजना के अंतर्गत लघु उद्यमियों को विभागीय स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऋण भी उपलब्ध कराया जायेगा । बैठक में अन्य अधिकारियों ने भी विभागीय कार्य योजनाओं की विस्तार से जानकारी

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