ग्रामवासियों के पंचायती या अन्य कार्य सुविधाजनक पूर्ण किए जा सके इसके लिए शासन ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में सचिव एवं रोजगार सहायक सचिव को नियुक्त किया गया है । उसके बावजूद भी कुछ पंचायतें ऐसी है जहां पर सचिवों को दो या दो से अधिक अतिरिक्त प्रभार दिए जाने के कारण ग्रामवासियों को अपनी समस्याओं के निवारण हेतु बार बार कार्यालय के चक्कर लगाना पड़ता है।
हम बात कर रहे हैं।
कटनी जिले रीठी जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतो की।
जहा जनपद कार्यालय में वर्षों से चली आ रही अफसरशाही, मनमानी की परंपरा आज भी कायम है।
गौरतलब यह है कि
रीठी जनपद पंचायत अंतर्गत 56 ग्राम पंचायते आती हैं । जिसमे 55 सचिव कार्यरत है । वही जानकारी लेने पर बताया गया कि 11 पंचायतो मैं सचिवों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है । जिनमे मुख्यालय पंचायत करैहिया, वसुधा, बरजी, भरतपुर बड़गांव, बकलेटा, खमरिया नंबर 1 सुगवा, हथकुरी, बिलहरी ,बड़ागांव
के सचिव को ग्राम रीठी, बरेहटा, घनिया,पटेहरा,गोदाना अमगावा, कठौतिया,बिरूहली,देवगांव,केमोरी, ठूठरी पंचायतों में अतिरिक्त प्रभार दिया गया है । और 25 सचिवों को प्रभार नहीं है । वहीं वर्ष 2014-15 में पंच परमेश्वर योजना से गांवों में लगी स्ट्रीट लाइटों की धांधली में दोषी पाए जाने पर जनपद के 21 सचिवों पर शोलरलाइट का प्रकरण है। 3 के ऊपर विभागीय जांच तथा दो सस्पेंड बताए जा रहे हैं
सूत्र बताते है तो कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों के कृपा पात्र सचिवों को दो- दो पंचायतों का प्रभार सौंपकर ग्राम वासियों को अपनी समस्याओं के निवारण के लिए कार्यालयों के चक्कर लगवाने को मजबूर कर रहे हैं।
इस संबंध में जब जनपद सीईओ ज्ञानेंद्र मिश्रा से बातचीत की गई तो उन्होंने बाइट न देने की शर्त पर बताया कि जिन सचिव के खिलाफ वसूली का प्रकरण दर्ज है, तथा जिन रोजगार सहायक सचिवों की कार्यप्राणी या अनिमताए सही नही तथा जो सचिव प्रभार लेने से मना कर दिए है ऐसी स्थिति में अतिरिक्त प्रभार दिया है ।
अब सवाल यह उठता है कि यदि नियमांनुसार जनपद सीईओ द्वारा सचिव को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है तो ऐसी पंचायत में अतिरिक्त प्रभार देना चाहिए जिससे दोनों पंचायत की दूरी ज्यादा ना हो ताकि ग्राम वासियों को अपने कार्य हेतु भटकना न पड़े,,
वही जनपद पंचायत क्षेत्र की बड़ी पंचायत रीठी, बड़गांव, बिलहरी हथकुरी के सचिवों को मुख्यालय पंचायत मैं रखा जाए ताकि पंचायत एवं ग्राम वासियों के कार्य प्रभावित ना हो सके ।
वही रेपुरा और तिलगावा मुख्यालय पंचायत में दो सचिव तथा केमोरी, सेदा,देवगांव, रीठी पंचायत मैं एक भी नहीं यह एक विचारणीय प्रश्न खड़ा हो रहा है।
हरिशंकर बेन