रिपोर्टर मुकेश चतुर्वेदी
माननीय न्यायालय श्रीमान् गौरव अग्रवाल, न्यायिक मजिस्ट्रे़ट प्रथम श्रेणी गौहरगंज, जिला रायसेन द्वारा आरोपी संतोष आदिवासी पिता मौजीलाल आदिवासी, आयु 42 वर्ष, निवासी ग्राम जोंदरा, तहसील गौहरगंज जिला रायसेन को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 27 सहपठित धारा 51 में छ: माह का सश्रम कारावास एवं धारा-29 सहपठित धारा 51 में दोषी पाते हुए 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1500 रू. के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
इस मामले में मध्यप्रदेश राज्य की ओर से सहायक लोक अभियोजन अधिकारी श्री लोकेन्द्र कुमार द्विवेदी, तहसील गौहरगंज जिला रायसेन ने पैरवी की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि- वन दल दिनांक 09.11.2017 को बीट दिवटिया के वन कक्ष क्रमांक पी.एफ.-955 का भ्रमण कर रहे थे, तभी एक व्यक्ति कुल्हाड़ी से हरे वृक्षों की गर्डलिंग कर रहा था, जिसे घेराबंदी करके पकड़ा और उससे पूछताछ की गई, जिसमें उसने अपना नाम संतोष पिता मौजीलाल, जाति आदिवासी होना बताया और यह भी बताया कि वह, प्रतिदिन सुबह-शाम के समय वृक्षों की गर्डलिंग करता था और लगभग 100 वृक्षों की गर्डलिंग की जा चुकी थी। आरोपी विगत 10-15 दिन से सुबह-शाम जंगल में गर्डलिंग करते हुए, 100 वृक्ष सागौन, साज एवं अन्य प्रजाति के वृक्षों को सुखने की कोशिश कर रहा था, जिससे उनकी लकड़ी बेच सके। वन दल के द्वारा मौके पर मौका पंचनामा तैयार किया जाकर, अभियुक्त के विरूद्ध वन अपराध पंजीबद्ध किया गया। अनुसंधान के दौरान जप्ती पंचनामा एवं बेदखली पंचनामा बनया गया। अनुसंधान के दौरान अभियोजन साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए तथा घटना स्थल का मानचित्र बनाया गया और बीट मेप से नक्शा तैयार किया गया। अनुसंधान के दौरान अभियुक्त का कथन लेख किया जाकर, अभियुक्त को गिरफ्तार कर, गिरफ्तारी पंचनामा बनाया गया। प्रकरण में शेष संपूर्ण अनुसंधान उपरांत आरोपी के विरूद्ध यह परिवाद पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
श्रीमती शारदा शाक्य
मीडिया प्रभारी
जिला रायसेन म0प्र0