एम पी न्यूज़ कास्ट के लिए जिला ब्यूरो मुकेश चतुर्वेदी
गंज बासौदा वेदांत आश्रम जीवाजी पुरम गंज बासोदा में आयोजित एकादश दिवसीय श्री राम कथा एवं नव दिवसीय लक्ष्मी नारायण यज्ञ में प्रवचन करते हुए जगद्गुरु अनंतानंत द्वाराचार्य डा स्वामी कमल दास वेदांती जी महाराज जी भगवान राम के अवतार के कारण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब जब धर्म का ह्रास होता है तब तब धर्म ,धरती व धर्म परायण लोगों की रक्षा करने के लिए परमात्मा धरती पर अवतार लेते है
उन्होंने कहा कि राक्षस नाम की जाती कोई अलग से नहीं है जो लोग अपने माता पिता व साधु संतों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं वस्तुतः वही राक्षस है। रावण के अत्याचार अनाचार व पापाचार से पृथ्वी ने दुखित होकर भगवान नारायण से रक्षा करने की प्रार्थना की। पृथ्वी ने कहा कि मेरे ऊपर भार पहाड़ों पर्वतों का नहीं अपितु हिंसक वृत्ति के लोगों से बढ़ रहा है जिससे मैं व्यथित हूं ।पृथ्वी माता की विरह वेदना, देवताओं की करुण पुकार पर भगवान ने अवतार लेने का आश्वासन दिया।
जगद्गुरु स्वामी श्री वेदांती जी ने कहा कि नई पीढ़ी के चारित्रिक ह्रास दुर्ब्यसनो की लत, कुसंगति के कारण बड़ी तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण आए दिन थोड़ी थोड़ी सी बात पर बड़ी बड़ी हिंसक घटनाएं धरती पर बढ़ रही है । इसकी नृवित्ती के लिए हमें अपने पूर्वजों के आचरण को साकार करना पड़ेगा, गांव-गांव में तथा घर-घर में रामायण पाठ श्री रामचरित का वाचन, हनुमान चालीसा का पाठ बच्चों को सिखाना चाहिए । हमारे पुराने लोग बच्चों को अल्पावस्था में ही मंदिरों में ले जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करा कर उन्हें आदर्श पुरुषों की कहानियां सुनाकर आदर्श व्यक्ति बनाने का भरपूर प्रयास करते थे। गांव-गांव में होने वाली रामलीलाएं सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र नाटक व श्रवण कुमार की लीलाओं को देखा कर बच्चों को माता-पिता के प्रति आदर परस्पर सौहार्द व राष्ट्रभक्ति का संस्कार दिया जाता था ।बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाने के साथ-साथ अच्छे संस्कार देना अनिवार्य है ।कथा क्रम में मनु शतरूपा की भक्ति का विस्तृत वर्णन किया गया, अयोध्या के राजा दशरथ जी के महलों में भगवान राम के प्राकट्य की कथा पर बैंड बाजों की धुन में लोग भाव विह्वल होकर भक्ति में नृत्य कर रहे थे। श्री राम जन्म की बधाईयों के गायन में माताएं बहने भी नृत्य कर उठी
वेदांत आश्रम जीवाजी पुर गंज बासौदा में चल रहे ग्यारह दिवसीय श्री राम कथा के अंतर्गत आज लक्ष्मी नारायण महायज्ञ प्रारंभ हुई।
जगद्गुरु अनंतानंत द्वाराचार्य डा स्वामी रामकमल दास वेदांती जी महाराज जी के सद्प्रेरणा से वाराणसी से आएं वैदिक आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पंचांग पूजन,मंडप प्रवेश, व मंडप मे देवताओं के आवाहित देवो की पूजन आदि क्रम के बाद अरणीमंथन कर के भक्तों के जय जयकारों के बीच अग्नि प्रज्वलित किया और इसे कुंड मे स्थापित कर यज्ञ प्रारम्भ किया।
भक्तों ने पूजन व परिक्रमा भी शुरू कर दिया। यज्ञ परिसर में लगे मेले में बच्चों संग पधारे भक्त जन मेले के आनंद लेते दिखे।
नौ दिवसीय इस यज्ञ की पुर्णाहुति 14 दिसम्बर को संम्पन्न होगी।