रिपोर्टर संतोष चौबे
पन्ना न्यायालय-श्रीमान विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम), जिला पन्ना म0प्र0 के न्यायालय ने आरोपी बाबूराम दुबे पिता जानकी प्रसाद दुबे उम्र-35 वर्ष,थाना कोतवाली पन्ना जिला पन्ना (म.प्र.)को दोषी पाते हुए क्रमश:अलग अलग धाराओं में 354 भादसं. सहपठित धारा 3(2)(va) एससी/एसटी एक्ट, धारा 354(ख) भादस. सहपठित धारा 3(2)(va) एससी/एसटी एक्ट एवं धारा 3(1)(w)(i) एससी/एसटी एक्ट में क्रमश: 03 वर्ष, 05 वर्ष एवं 02 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 रूपए, 3000 रूपए एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । राज्य शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक/ वरिष्ठ सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री दिनेश खरे ने की ।
कार्यालय जिला लोक अभियोजन अधिकारी, जिला पन्ना के मी0प्रभा0/सहा0जि0लो0अभि0अधि0 ऋषिकांत द्विवेदी द्वारा बताया गया कि अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 09.01.2020 को फरियादी ने अपनी बहन एवं पिता के साथ थाना कोतवाली पन्ना में उपस्थित होकर इस आशय की मौखिक रिपोर्ट किया कि दिनांक 09.01.2020 को दोपहर करीबन 02:00 बजे वह और उसकी छोटी बहन दोनो बिही खाने के लिये खेत में गये थे बिही खा रहे थे कि तभी अभियुक्त बाबूराम पंडित आया और उसने बुरी नियत से उसका दाहिना हाथ पकड़ लिया। वह चिल्लाई तो उसकी छोटी बहन डरकर घर तरफ भागी, अभियुक्त बाबूराम पंडित ने मौके का फायदा उठाकर जमीन में गिरा दिया और उसके साथ गलत काम करने की नियत से उसके कपड़े उतारने लगा तो वह और जोर से चिल्लाई तथा उसकी छोटी बहन भी बचाने के लिये चिल्लाई तो जो पास में ही खडे़ एक व्यक्ति आवाज सुनकर बचाने के लिये दौड़ा तो उसे देखकर अभियुक्त बाबूराम पंडित भाग गया अभियुक्त बाबूराम पंडित ने उसकी सलवार उतार दी थी फिर उसने अपने कपड़े पहने तथा घर जाकर पूरी बात अपने मां और पिता को बताई। फरियादी की उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना कोतवाली पन्ना के अपराध क्रमांक-39/2020 दिनांक 09.01.2020 धारा-354, 354 (ख) भा.दसं. एवं धारा-7/8 लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं धारा-3(1)(w)(i), 3(2)(va) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत अभियुक्त के विरूद्ध प्रथम सूचना प्रतिवेदन पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया एवं फरियादी का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया। विवेचना के दौरान सुसंगत साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए एवं घटनास्थल का नक्शामौका तैयार किया गया। फरियादी के धारा-164 द.प्र.सं. के अंतर्गत कथन लेखबद्ध कराये गये। अभियुक्त को गिरफ्तारी पत्रक अनुसार गिरफ्तार किया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र इस न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। जहां अभियोजन अधिकारी ने महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत कियें । न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हए एवं अभियोजन के तर्को से सहमत होकर आरोपी बाबूराम दुबे को न्यायालय ने दोषी पाते हुए क्रमश: अलग अलग धाराओं में 354 भादसं. सहपठित धारा 3(2)(va) एससी/एसटी एक्ट, धारा 354(ख) भादस. सहपठित धारा 3(2)(va) एससी/एसटी एक्ट एवं धारा 3(1)(w)(i) एससी/एसटी एक्ट में क्रमश: 03 वर्ष, 05 वर्ष एवं 02 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 रूपए, 3000 रूपए एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । ऋषिकांत द्विवेदी
मीडिया प्रभारी/सहा. लोक अभियोजन अधिकारी
जिला पन्ना म.प्र.