रिपोर्टर संतोष चौबे
कार्यालय जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना से मीडिया सेल प्रभारी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी से ऋषिकांत द्विवेदी जी द्वारा बताया गया कि माननीय अपर सत्र न्यायाधीश पवई द्वारा एसिड अटैक के आरोपीगणों को 5-5 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया गया है कहानी संक्षिप्त में इस प्रकार है –
दिनांक 21/09/21 को पीसीएचसी पवई से प्राप्त तहरीर जांच पर पाया की दिनांक 21/09/21 को सुबह के लगभग 10.00 बजे करीब आरोपी की लङकी जो कि बिना बताए कहीँ चली गई थी जिसकी तलाश हेतु आरोपियों द्वारा पीङिता एवं उसके भाई को पूछताछ करने की बात कहकर जबरन अपने साथ घटना स्थल कालीदाई की नर्सरी बराहो के पास ले गये जहां आरोपीगणो द्वारा पीङिता एवं उसके भाई को मां बहिन की बुरी बुरी गालियां देकर मारपीट की एवं आरोपीगणो ने पीङिता को जबरन पकडकर उसकी दोनो आंखों मे ड्राप से बैट्ररी वाटर एसिड एवं अकौआ के पेड़ का जहरीला दूध जैसा पदार्थ मिलाकर डाल दिया जिससे पीङिता के आंखों मे जलन एवं सूजन हो गई तथा आरोपीगणो द्वारा पीङिता को जान से मारने की धमकी दी गई । पीङिता की रिपोर्ट पर थाना पवई मे प्रथम दृष्टया मारपीट एवं गाली गलौच करने का अपराध क्रमांक 379/2021 पर अपराध पंजीबद्ध किया गया ।
श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय पन्ना श्री धर्मराज मीना के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय पन्ना एवं श्रीमान एस डी ओ पी महोदय पवई के मार्गदर्शन मे थाना प्रभारी पवई द्वारा उक्त अपराध को सनसनीखेज अपराध की श्रेणी मे रखकर विवेचना मे लिया गया । उक्त प्रकरण की विवेचना के दौरान प्रकरण सदर मे एसिड अटैक एवं हत्या के प्रयास की धारा का इजाफा किया गया । प्रकरण मे विवेचना पूर्ण होने पर दोनो आरोपीगणो के विरुद्ध अपराध प्रमाणित पाये जाने पर चालान तैयार कराया जाकर माननीय न्यायालय पवई मे प्रस्तुत किया गया जो माननीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय श्री सचिन्द्र श्रीवास्तव न्यायालय पवई द्वारा उक्त सत्र प्रकरण क्रमांक 156/2021 मे सुनवाई के दौरान उपरोक्त दोनो आऱोपीगणो पर फरियादिया की आंखो मे ड्राफ से तेजाब जैसी वस्तु को डालकर स्थाई या आंशिक नुकसान या विकलांग बनाने के आशय से स्वेच्छा घोर उपहति कारित करने का अपराध आऱोपीगणो पर सिद्ध पाये जाने पर माननीय न्यायालय द्वारा अपने आदेश दिनांक 11.11.2022 द्वारा उपरोक्त दोनो आरोपीगण सम्मेर सिह परमार एवं गोल्डीराजा उर्फ विश्वनाथ प्रताप सिंह को पांच- पाँच वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500-500 रुपये के जुर्माने के दण्ड से दंडित किया गया है ।