सिहोरा से रिजवान मंसूरी की रिपोर्ट
सिहोरा जिला की मांग पर एक वर्ष से भी अधिक समय से चल रहा जिला आंदोलन अब आक्रोशित रूप लेता जा रहा है।आंदोलनकारियों ने दीपावली के एक दिन पूर्व खितौला से सिहोरा तक जिला संकल्प यात्रा निकाली और सिहोरा पहुँच अपने खून से 22 खून के दिए जलाए।लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने खून के दिए जलाते हुए प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि सरकार को अब सिहोरा की उपेक्षा त्यागनी होगी वर्ना अब सिहोरा को सरकार का त्याग करना होगा।
दो किमी की पदयात्रा:-
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने रविवार को खितौला के जगमोहन पार्क से सिहोरा बस स्टैंड तक लगभग दो किमी की पैदल जिला संकल्प यात्रा निकाली जिसमे सैकड़ो की संख्या में सिहोरावासियो ने शिरकत की।
अब ग्राम पंचायत पर संकल्प यात्रा:-
समिति ने घोषणा की कि एक वर्ष से अधिक समय से धरना दे सरकार से न्याय का आग्रह किया जा रहा है परंतु स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सरकार का रवैया जस का तस बना हुआ है।इसलिए अब जिला संकल्प यात्रा सिहोरा के प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर निकाली जाएगी।जहाँ जनता से सरकार के वास्तविक रूप को सामने ला सिहोरा के प्रति न्याय का वातावरण बनाया जाएगा।
खून के 22 दिए जलाए:-
समिति के सदस्यों ने दो किमी की यात्रा के बाद अपने खून से दीपावली के एक दिन पहले खून भरे 22 दिए जलाए।2001 से अब तक सिहोरा की उपेक्षा के 22 वर्षो के 22 खून के दिए जलाकर सिहोरा के प्रति अपना समर्पण और संघर्ष के प्रति अपना त्याग व्यक्त किया।
लगातार आंदोलन के 55 वें रविवार समिति के विकास दुबे,राजभान मिश्रा,सियोल जैन,आलोक पांडे,मानस तिवारी,सुशील जैन,कृष्ण कुमार क़ुररिया,सेंकी जैन,रामजी शुक्ला,राजेश दुबे,राजेश पटेल,संतोष चौबे,ललित तिवारी,नवनीत शुक्ला,राजेश क़ुररिया,मनोज जैन,सुखदेव कौरव,रामलाल यादव,पन्नालाल झारिया,अमित बक्शी,नत्थू पटेल,गुड्डू कटैहा सहित अनेक सिहोरावासी मौजूद रहे।