प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/ बेटियां भी किसी से कम नहीं, आज बेटियां अपने मां बाप का नाम रोशन कर रही हैं और बचपन से जिस बच्चे का मन जिस कार्य को करने का हो, उसको वहीं क्षेत्र में आगे बढ़ाना चाहिए जिससे वह उस क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखा सके। नर्मदा पुरम से 8 किलोमीटर दूर बुधनी निवासी निकिता बब्बर ने बताया कि उसे बचपन से ही कविता लिखने का शौक है अभी तक पर कई कविताएं लिख चुके हैं।
*धुए सा नशा*
सिगरेट को जला कर
गुस्से की आग बुझा देता हूं
इसके धुए में
वो सब ख्याल उड़ा देता हूं
बेचैनी
नाकामयाबी
परेशानी
को भूलाने के लिए
नशे में डुबता जा रहा हूं
इस शान भरे नशे में
जिंदगी खोता जा रहा हूं
थोड़ा थोड़ा करके
मौत से दोस्ती कर रहा हूँ
पल पल मर कर
जीने से डर रहा हूं
ले गया ये नशा
बहोत दूर मुझको
लौट कर आना चाहा
पर रास्ता न मिला मुझको
इस नशे से मैं हार गया
सब कुछ इसमे गावा दीया
क्या था मैं
मुझको याद नहीं
जो अब हु
उस्से मेरी पहचान नहीं।