गंज बासौदा रघुवंशी धर्मशाला बरेठ रोड में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय कथा व्यास पंडित देवेंद्र भार्गव जी ने कहा कि महाराज परीक्षित को जब संत का श्राप लगा ,
उनके मन में बदले की भावना प्रकट नहीं हुई , शांत मन से उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि हर मानव को एक न एक दिन मरना है लोगों के लिए जीवन सुधारने के लिए मौका ही नहीं मिलता लेकिन मुझे सात दिन का समय मिला है l सप्तम दिवस में निश्चित रूप से मेरी मृत्यु नहीं होगी सप्तम दिवस में ही मेरी मृत्यु होगी , मुझे अपने जीवन की सुंदर फाइल बनाने का मौका मिला है तो मैं अपने लिए अच्छी फाइल का निर्माण करूं जिससे जब वह कोर्ट में लगे तो मजिस्ट्रेट का फैसला बहुत सुंदर हो l
गंगा के किनारे पर लाखों संतो के बीच बैठकर श्री शुकदेव जी महाराज कथा श्रीमद् भागवत सुना रहे है महाराज श्री परीक्षित कहते हैं आज मुझ पर संतों की कृपा बरस गई मुझे सत्संग करने का मौका मिल रहा है जीवात्मा जिस लक्ष्य को लेकर के मृत्युलोक में आती है आज उसी लक्ष्य का साधन में बना रहा हूं , धन्य है प्रभु श्री शुकदेव जी महाराज जिनके मुखारविंद से हम सपरिवार कथा श्रवण कर रहे हैं , कथा के क्रम को आगे बढ़ाते हुए भार्गव जी ने कहा हमारा जीवन एक ताल की तरह है जैसे तबले में ताल होती है हम एक गति से जीवन जीते हैं हर आदमी की एक गति है कितना पढ़ना है , कितना सोना है , कितना भोजन करना है , कितना धन कमाना है , कितनी रिश्तेदारी में जाना है , कितना व्यावहारिक जगत में संबंध निभाना है , कितनी पूजा करना है , कितना धर्म करना है , हर चीज एक ताल की तरह है और जैसे-जैसे ताल बनी रहती है जीवन संगीत मधुर बना रहता है सभी संगीत ठीक चल रहा है पर तबले की ताल खराब हो जाए तो संगीत खराब हो जाएगा संगीत तभी तक सुंदर है जब तक ताल बेसुरा ना हो ऐसे ही हमारे जीवन का संगीत है ताल बद्ध मर्यादित जीवन जीने की एक कला अध्यात्मिक से सामाजिक होना सामाजिक से व्यावहारिक होना प्रकाश का अभाव अंधकार है अंधकार के बारे में कोई नहीं जानता दीपक का जलना ही स्वता प्रकाश को व्याप्त कर देगा फिर आपको कुछ नही बदलना पड़ेगा आप दीपक के सहारे कहीं भी जा सकते हैं l अंधकार की आप से भेंट नहीं होगी इस दुनिया में बहुत लोग हैं जो दुनिया बदलना चाहते हैं l री-अरेंज करना चाहते संसार से पार होना री अरेंज करना नहीं है ये जैसा है वैसा ही रहेगा अगर आपके हृदय में दीपक जल गया तो आप इससे अप्रभावित होकर बाहर निकल जायेंगे ऐसा ही रहेगा साधु संसार से बहार हो जाते हैं जैसे मीरा संत नामदेव बाल्मिक रेदाश हमारे परमहंस जी l
नोलखी मंदिर वाले श्री जगन्नाथ दास जी फक्कड़ बाबा सियाराम दास जी कुल्हार वाले महाराज जी अनेक संत संसार से बाहर हो गए अनेक कथा सुनाते हुए विदुर प्रसंग की भी कथा सुनाई l
यह आयोजन श्री अनिल प्रताप सिंह चौहान श्री भानु प्रताप सिंह चौहान श्री संदीप प्रताप सिंह चौहान एडवोकेट चौहान परिवार के द्वारा रघुवंशी धर्मशाला में कराया जा रहा है आप सभी पधार कर धर्म लाभ लेवे ।।
विदिशा जिला ब्यूरो मुकेश चतुर्वेदी