सीहोर के कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में राधाअष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष अष्टमी को राधा अष्टमी मनाई जाती है। इस तिथि को श्री राधाजी का प्राकट्य दिवस माना गया है। राधा जी की पूजा के बिना भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है।
बता दें कि पास स्थित चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में गणेश उत्सव मनाया जा रहा है। शनिवार को पंडित प्रदीप मिश्रा के सान्निध्य में राधा अष्टमी का पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया गया। मिश्रा ने बताया कि इस व्रत के प्रभाव से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। श्रीराधा, भगवान श्रीकृष्ण के प्राणों की अधिष्ठात्री देवी हैं। भगवान इनके अधीन रहते हैं। यह संपूर्ण कामनाओं का राधन (साधन) करती हैं, इसी कारण इन्हें श्री राधा कहा गया है। शनिवार को राधा अष्टमी के कार्यक्रम और भगवान गणेश की आरती के पश्चात श्रद्धा भक्ति सेवा समिति और विठलेश सेवा समिति के संयुक्त तत्वाधान में मंदिर में आने वाले असहाय, वृद्ध, व दिव्यांगों के लिए आधा दर्जन व्हील चेयर प्रदान की गई। सूत्रो सें मिली जानकारी
रिपोर्ट बब्लू जयसवाल